DURG. न्यूजअप इंडिया.कॉम
बीआईटी दुर्ग के प्रबंधन विभाग ने 2009-11 बैच के पूर्व छात्रों के लिए एक एलुमनी मीट का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पूर्व छात्र शामिल हुए, जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को वर्तमान छात्रों के साथ साझा किया, जिससे पूर्व और वर्तमान छात्रों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित हुआ। इस मीट का प्रमुख आकर्षण इंटरैक्टिव सत्र था, जिसमें पूर्व छात्रों ने जूनियर छात्रों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने वर्तमान बाजार प्रवृत्तियों, भिलाई, दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में उपलब्ध रोजगार के अवसरों और कैंपस भर्ती में सफल होने की रणनीतियों पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।
इस चर्चा का उद्देश्य छात्रों को उद्योग ज्ञान और व्यावहारिक कौशल से लैस करना था, जो उनके करियर को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। इस एलुमनी मीट का समन्वय बीआईटी दुर्ग के प्रोफेसर डॉ. श्रवण पांडेय और श्री किशोर कुमार डेका ने किया। प्रबंधन विभाग के प्रमुख डॉ. सत्यवर्धन तिवारी के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस आयोजन ने पूर्व छात्रों के नेटवर्क को मजबूत किया और विभाग की व्यावसायिक विकास और मार्गदर्शन की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया।
डॉ. श्रवण पांडेय ने प्रेरणादायक स्वागत भाषण दिया, जिससे पूरे आयोजन में जोश और ऊर्जा बनी रही। प्रबंधन विभाग के प्रमुख डॉ. सत्य वर्धन तिवारी ने पूर्व छात्रों की भागीदारी के महत्व और उनके योगदान को रेखांकित किया। इस अवसर पर विभाग के संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे, जिससे यह आयोजन संवाद और ज्ञान आदान-प्रदान के लिए एक प्रभावी मंच बना।
बीआईटी दुर्ग के प्राचार्य डॉ अरुण अरोरा ने बताया कि एलुमनी मीट पूर्व छात्रों और वर्तमान बैच के छात्रों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का कार्य करती है। पूर्व छात्रों के लिए यह अपने संस्थान से फिर से जुड़ने, अपनी व्यावसायिक यात्रा को साझा करने और नवोदित प्रबंधकों के विकास में योगदान देने का एक शानदार अवसर होता है। वहीं, वर्तमान छात्रों को इन बातचीतों से उद्योग की अपेक्षाओं, करियर के अवसरों और वास्तविक चुनौतियों की गहन जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने अध्ययन को बाजार की मांग के अनुसार ढाल सकते हैं।
एलुमनी मीट का एक प्रमुख उद्देश्य शैक्षणिक शिक्षा और उद्योग की अपेक्षाओं के बीच की खाई को पाटना होता है। पूर्व छात्रों ने छात्रों को विकसित होती बाजार प्रवृत्तियों, तकनीकी उन्नति और प्रतिस्पर्धात्मक व्यावसायिक परिदृश्य में आवश्यक कौशलों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया। ऐसे सत्र यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्र उद्योग की आवश्यकताओं के लिए बेहतर तरीके से तैयार हों, जिससे उनकी रोजगार क्षमता और समस्या-समाधान क्षमताएं बढ़ें।
पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, विशेष रूप से भिलाई, दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में। उन्होंने उभरते करियर रुझानों, उद्यमशीलता के अवसरों और नेटवर्किंग के महत्व पर भी चर्चा की, जिससे छात्रों को अपने करियर के बारे में निर्णय लेने और अपने व्यावसायिक लक्ष्यों की रणनीतिक योजना बनाने में सहायता मिली।
बीआईटी दुर्ग का प्रबंधन विभाग निरंतर ऐसे प्रयास करता है जो शिक्षा और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करें, ताकि छात्र भविष्य की चुनौतियों के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। पूर्व छात्र अनंत जैन, कावेरी, अमरीश सिंह, अर्णब भट्टाचार्य, लोकेश साहू, सौरभ सिन्हा, विवेक राठी, नितिन , भूमिका जैन, वीरेन्द्र सिंह, जसबीर सिंह , जोजी चेरियन एवं वर्तमान छात्र ऋषभ और पृथ्वी का सराहनीय योगदान रहा।
