BALRAMPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक बार फिर रिश्वतखोर राजस्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। राजस्व विभाग भ्रष्टाचार का पूरा अड्डा बन गया है। यहां कोई काम बिना पैसे के नहीं होता। पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और एसडीएम तक पूरा चेन बना हुआ है। ऐसा ही एक मामला जिले में सामने आया है, जिसमें सीमांकन के लिए प्रार्थी से 10 हजार रुपये की मांग करने वाले पटवारी को एसीबी ने घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है।
प्रार्थी राजेश पटेल परसडीहा जनपद पंचायत वाड्रफनगर जिला बलरामपुर रामानुजगंज के द्वारा अपने निजी भूमि के सीमांकन के लिए आवेदन दिया गया था, जिसके बाद राजस्व हल्का पटवारी हेमंत कुजूर उससे पैसे की डिमांड कर रहा था। प्रार्थी के अनुसार, पटवारी ने 10000 रुपये की डिमांड की थी। प्रार्थी ने बतौर एडवांस 2000 रुपये पटवारी को दे चुका था, जिसके बाद शेष 8000 रुपये की रकम देना था। आज पटवारी को रकम देने के लिए तहसील कार्यालय के ठीक सामने आवेदक पहुंचा था। पटवारी के रकम लेते हुए एसीबी की टीम ने 8000 रुपये के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी ने आरोपी को ट्रैप करके पकड़ा है।
पैसे दो तभी होगा काम, वरना घूमते रहो…
राजस्व विभाग में बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता। जमीन का नामांतरण, बटांकन, फौती, सीमांकन और नामजोख संबंधी कोई काम बिना पैसे के नहीं होता। किसानी संबंधी दस्तावेजों में साइन करने का भी पटवारी पैसे लेते हैं। पटवारी, आरआई तो सीधे कह देते हैं कि ऊपर तक देना पड़ता है। यानी उनके ऊपर में तहसीलदार, एसडीएम आदि…। तहसील-एसडीएम दफ्तरों में किसी भी आवेदन पर बाबू पहले चाय-पानी का खर्चा भी मांगता है। हजारों शिकायतों के बाद भी यह विभाग सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। इस विभाग से सरकार की छिव भी खराब हो रही है।