रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन में बड़ा फेरबदल कर सकती है। आंतरिक सर्वे के मुताबिक तकरीबन एक चौथाई विधायकों का टिकट कटने के संभावना है। पार्टी के सर्वे और कई ओपिनियन पोल में यह बात सामने आई है कि कई विधायकों के कामकाज से जनता नाराज है। ऐसे में सत्ता विरोधी लहर से बचने चुनाव जीतने योग्य उम्मीदवार ही उतारे जाएंगे। चुनाव में कांग्रेस का फोकस जीतने की क्षमता, लोकल मुद्दे, स्थानीय जातियों और नए लोगों को मौका मिलने पर है। कांग्रेस सूबे में महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाने भी पूरी तरह तैयार है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक मौजूदा विधायकों को हटाने का निर्णय पिछले पांच महीनों में पार्टी द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों पर आधारित है। टिकट देने के लिए ‘जीतने की क्षमता’ को सबसे महत्वपूर्ण मानदंड माना गया है। सूबे में विधानसभा चुनावों को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में पार्टी ने उन नेताओं को टिकट नहीं देने का प्लान किया गया है, जिनकी अपने क्षेत्र में सियासी पकड़ कमजोर है। सूत्रों ने बताया, उम्मीदवारों की सूची को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद सूचियां जारी की जाएंगी। डेंजर जोन में चल रहे 18 विधायकों को हटा दिया जाएगा। पार्टी जीतने की क्षमता और जातिगत गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस बार केवल ‘जीतने की क्षमता’ ही मानदंड है। बहरहाल, कांग्रेस की सूची 10 अक्टूबर तक आने की संभावना जताई जा रही है। अब सूची आने के बाद ही पता चलेगा कितने नए चेहरों को मौका मिला है।
‘अनुभव की कमी से बेहतर छवि नहीं बना पाए’
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इनमें से अधिकतर मौजूदा विधायक पहली बार विधायक बने हैं। 2018 के चुनावों में पहली बार विधायक बने कई लोग नौकरियों और सोशल सर्विस से आए हैं और कांग्रेस लहर में स्वच्छ छवि के कारण जीते। उनमें से अधिकांश अनुभव की कमी के कारण निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में काम करने में विफल रहे हैं। कईयों के दबंग रवैये और संगठन की समझ की कमी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर गुटबाजी बढ़ाई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस लहर में जीत गए, लेकिन 2023 के चुनाव में कई सिटिंग विधायक अभी जीतने योग्य नहीं दिख रहे हैं।
‘2023 के चुनाव में महिलाओं की बढ़ेगी संख्या’
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि पार्टी इस बार महिलाओं को टिकट देने की संख्या बढ़ा सकती है। पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर एक अन्य सीनियर नेता ने कहा, 2018 के चुनावों में हमने विधानसभा के लिए 12 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है और बाद में खैरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में एक और महिला को टिकट दिया गया था। इसलिए कुल 13 महिलाओं को टिकट दिया गया, लेकिन इस चुनाव में यह संख्या 20 से 22 के बीच हो सकती है। कुछ वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि महिलाओं के लिए टिकट बढ़ें, लेकिन यह पूरी तरह से जीत की संभावना पर है।
‘कांग्रेस के पास 71, भाजपा के पास 14 MLA’
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटें जीतकर रमन सिंह के नेतृत्व में 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा को हराया था। उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में 3 और सीट चली गई। बीजेपी के पास सिर्फ 14 सीटें विधायक हैं। छत्तीसगढ़ में वापसी की उम्मीद कर रही भाजपा ने 17 अगस्त को 21 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। पहली सूची में 16 नए चेहरे हैं। पार्टी ने 2018 में इन सीटों से चुनाव लड़ने वाले एक भी उम्मीदवार को इस बार टिकट नहीं दिया है। वहीं भाजपा की दूसरी सूची का इंतजार है।
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