30.3 C
Raipur
Tuesday, August 5, 2025

भ्रष्टाचार में 100 से ज्याद सरकारी सेवक शामिल, CBI से जांच कराकर भेजो जेल… डॉ. चरणदास महंत क्यों कह रहे ऐसा…


RAIPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार की जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा खूब गरमाया था। चरणदास महंत ने विधानसभा में इस परियोजना को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला था। साय कैबिनेट ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने का फैसला किया था। महंत ने राज्य की एजेंसी से जांच कराने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी की आशंका जताई है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत रायपुर-विशाखापटनम प्रस्तावित इकनोमिक कॉरिडोर के सड़क निर्माण के लिए अनुविभाग अभनपुर जिला- रायपुर अंतर्गत निजी भूमि के अधिग्रहण से मुआवजा राशि के निर्धारण तक की प्रक्रिया में विधि विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, लोक सेवकों तथा भूमि स्वामियों द्वारा आपराधिक षड़यंत्रपूर्वक ऐसे भ्रष्ट आचारण किये गये हैं, जिसके कारण भारत सरकार को कम से कम रू. 43,18,27,627.00 की आर्थिक क्षति हुई है। चरणदास महंत ने पत्र में यह भी लिखा है कि विधानसभा में मामला उठाने के बाद इस पर बात हुई, नहीं तो सरकार इस पर पर्दा डालकर रखना चाहती थी। तत्कालीन एसडीएम और तत्कालीन तहसीलदार पर कार्रवाई करके सरकार सफेदपोश लोगों को बचाना चाहती है। महंत ने कहा कि इस भ्रष्टाचार और आपराधिक षड़यंत्र में 100 से अधिक सरकारी सेवक तथा भूमि स्वामी शामिल हैं।

सूचना के बाद पंजीयन-बटांकन किया गया
चरणदास महंत ने लिखा कि जांच प्रतिवेदन के अनुसार वास्तविक मुआवजा राशि रू. 7,65,30,692.00 होता है, लेकिन मुआवजा राशि का निर्धारण और भुगतान रू. 49,39,40,464.00 किया गया है। इस प्रकार रू. 43,18,27,627.00 का अधिक निर्धारण कर दिया गया। जांच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के अनुसार भूमि के अर्जन की वैधानिक अधिसूचना के प्रकाशन के बाद पूर्व की तिथियों में क्रय/विक्रय पंजीयन/बटांकन/नामांतरण की विधि विरूद्ध कार्यवाहियां की गई, जिसके कारण भूमि के खातों का विभाजन हुआ। फलस्वरूप बहुत अधिक दर से मुआवजा निर्धारण हुआ।

विधानसभा में उठाया मुद्दा तब स्वीकार किए
छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस पर चर्चा के दौरान दिनांक 12 मार्च 2025 को मेरे द्वारा राजस्व मंत्री और माननीय मुख्य मंत्री से यह अनुरोध किया गया कि चूंकि यह प्रकरण भ्रष्टाचार का है, यह भारत सरकार की परियोजना है और इसमें कतिपय वरिष्ठ अधिकारियों की भी संलिप्तता संभावित है, इसलिए इसकी जांच CBI को दे दी जाए अथवा विधायकों की कमेटी गठित कर जांच कराई जाए, लेकिन मेरे अनुरोध को स्वीकार नहीं करते हुए कमिश्नर से जांच कराने की घोषणा राजस्व मंत्री के द्वारा की गई।

भ्रष्टाचार करने वाले कोर्ट में लगाएंगे याचिका
डॉ. चरणदास महंत ने पत्र में लिखा कि 12 मार्च 2025 को ही अपरान्ह में मंत्रि परिषद् की बैठक के अन्य विषय में निर्णय लिया गया कि इस प्रकरण की जांच ईओडब्ल्यू करेगा। EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) राज्य की एक एजेंसी है, इसलिए भारतमाला परियोजना के आर्थिक अपराध की जांच करने के लिए राज्य की कोई भी एजेंसी सक्षम नहीं है। यदि राज्य की एजेंसी कार्यवाही करती भी है तो उसकी कार्यवाही को सक्षम न्यायालय में सक्षमता के प्रश्न पर चुनौती दी जा सकती है, जिससे राज्य की एजेंसी द्वारा की गई कार्यवाही अवैधानिक ठहराई जा सकती है और भ्रष्टाचारी दण्ड से बच सकते हैं।

ब्याज के साथ राशि की वसूली की जाए
महंत ने पत्र में लिखा है कि जांच प्रतिवेदन दिनांक 11.09.2023 का है जो राज्य सरकार को बहुत पहले ही प्राप्त हो चुका थी, लेकिन इस पर तब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई थी, जब तक कि मेरे द्वारा विधानसभा प्रश्न के माध्यम से इसे उठाया नहीं गया था। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार की मंशा कार्यवाही करने की नहीं है। भ्रष्टाचार के इस प्रकरण में अधिक भुगतान की गई राशि रू. 43.18 करोड़ की ब्याज सहित वसूली भी की जानी है, जिसके लिए अब तक कोई भी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है। इस आपराधिक षड़यंत्र में 100 से अधिक लोक सेवक तथा भूमि स्वामी संलिप्त हैं।

भारतमाला की सभी सड़कों की होनी चाहिए जांच
यह जांच प्रतिवेदन भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अर्जन में केवल एक अनुविभाग अभनपुर में हुए भ्रष्टाचार से संबंधित है। इस जांच में अनेक बिन्दुओं को छोड़ भी दिया गया है। आपराधिक षड़यंत्र का भी उल्लेख नहीं किया गया है। अतः इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध की गई कोई भी कार्यवाही न्यायालय के समक्ष स्थिर नहीं रह सकेगी। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत जितनी भी सड़कों का निर्माण करने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उन सभी में इसी प्रकार से आपराधिक षड़यंत्रपूर्वक भ्रष्टाचार किया गया है। अतः सभी की जांच केन्द्रीय एजेन्सी से कराए जाने की आवश्यकता है।

महंत की चिट्ठी से भ्रष्ट सरकारी सेवकों में दहशत
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा था कि जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया जाए। निलंबन ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं। निलंबन से लौटने के बाद फिर अधिकारी उसी हिसाब से काम करते हैं। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। भारतमाला परियोजना के गड़बड़ी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही पूरे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया था। अब महंत द्वारा केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिखे जाने से भ्रष्ट सरकारी सेवकों में हड़ंकप मचा है।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here