बासंती सामंत.जगदलपुर
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आचार संहिता लगने से पहले ही 21 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर राजनीतिक दलों को चौका दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा ने रणनीति के तहत आचार संहिता से पहे उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। दिग्गज और हारे हुए विधायकों को किनारे कर भाजपा ने पंचायत स्तर और भाजपा के छोटे पदों पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया गया। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ कई रोचक बातें भी सामने आ रहे हैं। पाटन में चाचा के खिलाफ भतीजा को मैदान में उतारा गया है। वहीं बस्तर सीट पर वर्तमान विधायक के छोटे भाई के साढ़ू को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। रिश्तेदारी भाई हुए… यानी भाई के खिलाफ भाई मैदान में उतरेगा।
बता दें कि बस्तर सीट से भाजपा ने मनीराम कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। मनीराम कश्यप कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने लखेश्वर बघेल के रिश्तेदार हैं। मनीराम, विधायक लखेश्वर बघेल के छोटे भाई के साढ़ू हैं। ऐसे में चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। लखेश्वर बघेल बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। बस्तर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दो बार के विधायक लखेश्वर बघेल को मनीराम कश्यप कितना टक्कर दे पाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन भाजपा द्वारा प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा प्रत्याशी मनीराम ने टिकट मिलने के बाद कहा कि बस्तर सीट से लखेश्वर बघेल मेरे बड़े भैया हैं। उनके छोटे भाई मेरे साढ़ू भाई हैं। रिश्तेदारी अपनी जगह है। राजनीति और चुनाव लड़ना यह अपनी जगह है। सरपंच हो या फिर जिला पंचायत सदस्य, मैं हमेशा अच्छे मतों से जीत कर आया हूं। इस बार विधानसभा चुनाव भी जीतूंगा।
दोनों भाजपा प्रत्याशी जमीन से जुड़े कार्यकर्ता
भाजपा की सूची में बस्तर संभाग के 2 सीटों बस्तर विधानसभा से मनीराम कश्यप और कांकेर से आशाराम नेताम का नाम है। दोनों चेहरे नए हैं। आशाराम नेताम और मनीराम कश्यप की छबि जमीनी कार्यकर्ता के रूप में है। मनीराम लगभग 30 सालों से राजनीति से जुड़े हैं। मनीराम सबसे पहले ग्राम लामकेर (जन्मस्थान) में पंचायत के पंच चुने गए थे। पंच के बाद ग्राम पंचायत लामकेर के सरपंच बने। इसके बाद तत्पश्चात जनपद सदस्य और उसके बाद तीन बार जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए है। वर्तमान में वे बस्तर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं।
बस्तर और कांकेर दोनों सीट कांग्रेस के पास
बस्तर सीट से भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसिंग मंडावी और पूर्व भाजपा विधायक डॉ. सुभाउ कश्यप दावेदारी ठोक रहे थे, लेकिन अब मनीराम का नाम फाइनल होने पर टिकट की आस भी टूट गई है। वहीं कांकेर से भाजपा ने पूर्व विधायक व पूर्व के प्रत्याशियों का नाम काटकर नया उम्मीदवार उतारा है। पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले, पूर्व प्रत्याशी हीरा मरकाम, संजय कोडोपी को मौका नहीं दिया। दोनों सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं और इसमें कांग्रेस का कब्जा है।