RAIPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के बस्तर में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने वन विभाग के डीएफओ अशोक पटेल को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू ने डीएफओ को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश कर पूछताछ करने के लिए कस्टोडियल रिमांड की मांग की है। ऐसा पहली बार है जब ACB-EOW ने किसी DFO यानी IFS अफसर को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि पिछले दिनों सुकमा जिले में 12 स्थानों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने छापा मारा था। यह छापेमारी तेंदूपत्ता बोनस गबन मामले में की गई थी। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी। ईओडब्ल्यू ने सुकमा जिले में 12 स्थानों पर छापेमार कार्रवाई करते हुए मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक अकाउंट और निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किए थे। डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी के निवास से नकद 26 लाख रुपये भी बरामद किए गए थे। अशोक सुकमा जिले के डीएफओ थे। घोटाला उजागर होने के बाद राज्य शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
बोनस का 7 करोड़ रुपये का गबन किया
दरअसल, आपराधिक षड़यंत्र कर साल 2021- 2022 तेंदूपत्ता तोड़ाई सीजन की प्रोत्साहन पारिश्रमिक दिया ही नहीं गया। करीब 7 करोड़ रुपये तेंदूपत्ता संग्राहकों को देने के बजाए कुछ लोगों ने मिलकर गबन कर लिया। इस रकम को कुछ निजी व्यक्तियों को भी दिया गया था। इस मामले में अपराध दर्ज किया गया है। ACB-EOW ने सीपीआई नेता, कोंटा प्रबंधक मो. शरीफ़ खान, पालाचलमा प्रबंधक सीएच वेंकट, फूलबगड़ी प्रबंधक राजशेखर पुराणिक, जगरगुंडा प्रबंधक रवि गुप्ता, मिशिगुडा प्रबंधक राजेश आयतु, एर्राबोर प्रबंधक मितेंद्र सिंह राजू, पेदाबोडकेल प्रबंधक सुनील, जग्गावरम प्रबंधक मनोज कवासी के घरों में दस्तावेजों की जांच की थी।
DFO दफ्तर के कर्मचारी के घर मिले लाखों
डीएफओ कार्यालय सुकमा के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के निवास से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नकद सर्च के दौरान जब्त किया गया था। जब्त किए गए दस्तावेजों का विश्लेषण करने के बाद अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की थी। कुछ दिनों पहले इस प्रकरण के मुख्य आरोपी डीएफओ अशोक कुमार पटेल, तत्कालीन वनमंडलाधिकारी, सुकमा के विरूद्ध अनुपातहीन सम्पत्ति का मामला दर्ज कर उनसे सबंधित स्थानों पर सर्च कार्यवाही भी की गई थी।