रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है। राजनीतिक पार्टियों से जुड़े नेता सत्ता हासिल करने एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वोटरों को साधने की रणनीति भी बनाई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर जन घोषणा पत्र के 36 वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगा रही है। इस बीच दुर्ग जिले के एक अधिवक्ता ने कांग्रेस पार्टी पर वादा पूरा नहीं करने को लेकर दुर्ग न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया है। परिवाद में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे सहित 13 कांग्रेस नेताओं पर FIR दर्ज करने की मांग की गई है।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी द्वारा 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले जन घोषणा पत्र जारी किया गया था। इस घोषणा पत्र में 36 वादे किए गए थे। घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करने पर अधिवक्ता अशोक शर्मा ने दुर्ग के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पुनीतराम गुरुपंच की अदालत में परिवाद दायर किया है। परिवार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री रविंद्र चौबे, मंत्र शिवकुमार डहरिया, मंत्री उमेश पटेल, पूर्व मंत्री डा. प्रेमसिंह टेकाम, विधायक धनेंद्र साहू, राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम, शैलेष पांडेय, विधायक अरुण वोरा, शिशुपाल शोरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश भी शामिल हैं। अशोक शर्मा ने सभी के विरुद्ध छल (धारा 415), धोखाधड़ी (धारा 420), षड़्यंत्र (धारा 120 बी) और समान आशय (धारा 34) के तहत एफआईआर दर्ज करने थाने को निर्देशित करने का निवेदन कोर्ट में किया है। 25 सितंबर को न्यायालय में इस परिवाद पर सुनवाई होनी है।
‘कांग्रेस जन घोषणापत्र के वादे छल और कपटपूर्ण‘
अधिवक्ता अशोक शर्मा ने परिवाद में उल्लेख किया है कि जन घोषणापत्र के वादों को पूरा नहीं करने से प्रदेश का हर वर्ग प्रभावित हुआ है। घोषणापत्र में किए गए वादे छल और कपटपूर्ण थे। जिन वादों पर विश्वास करके लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया और उनकी सरकार बनी और बाद में वह वादा पूरा करना भूल गए। प्रदेश में शराबबंदी, छात्राओं को मुफ्त शिक्षा, 60 से अधिक उम्र के नागरिकों को 1000 और 75 साल से अधिक के नागरिकों को 1,500 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने जैसे कुल 36 वादे किए गए थे। घोषणापत्र में यह भी दावा किया गया था कि सरकार बनने के पांच साल के भीतर सभी वादों को पूरा कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब विधानसभा चुनाव करीब आ गया है। आचार संहिता लग जाने पर इन वादों को पूरा करने को लेकर वैसे भी कोई काम नहीं हो पाएगा।
‘टीएस सिंहदेव थे घोषणापत्र समिति के संयोजक’
अधिवक्ता अशोक शर्मा ने बताया कि वर्तमान छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव कांग्रेस घोषणापत्र समिति के संयोजक थे। मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री रविंद्र चौबे, मंत्री शिवकुमार डहरिया, मंत्री उमेश पटेल, पूर्व मंत्री डा. प्रेमसिंह टेकाम, विधायक धनेंद्र साहू, राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम, शैलेष पांडेय और विधायक अरुण वोरा समिति के सदस्य थे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इस घोषणापत्र को प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित करने का षड्यंत्र किया था, इसलिए इन्हें भी पार्टी बनाया गया है। अशोक शर्मा ने कहा कि 25 सितंबर को याचिका पर सुनवाई है। याचिका तर्क प्रस्तुत करूंगा। संतुष्ट होने पर कोर्ट प्राथमिकी का निर्देश दे सकता है। याचिका खारिज हुई तो सत्र न्यायालय जाएंगे।