मुंबई. एजेंसी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने बड़ा फैसला किया है। शिंदे सरकार ने गाय को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया है। सरकार ने यह फैसला गाय के सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व को देखते हुए लिया है। इस मांग के लिए काफी समय से आंदोलन चल रहे थे। दरअसल, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान जल्द होने वाला है। ऐसे में महायुति सरकार जनता को लुभाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर गाय को ‘राज्यमाता’ घोषित किया। सरकार का मानना है कि इससे गोकशी और तस्करी पर लगाम लगेगी। आदेश में कहा गया है कि गाय का भारतीय संस्कृति और वैदिक काल से महत्व रहा है। देसी गाय का दूध मानव आहार के लिए बहुत पौष्टिक होता है। आयुर्वेद में भी गाय के दूध और गोमूत्र से कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति, पंचगव्य उपचार पद्धति, इस तरह गोमूत्र जैविक खेती पद्धति के महत्व को देखते हुए गाय को अब से राज्यमाता घोषित किया जा रहा है। इस फैसले से राज्य में गाय की सुरक्षा और सम्मान बढ़ेगा, ऐसा सरकार का मानना है।
महाराष्ट्र में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
विधानसभा चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर आया था। चुनाव आयोग की टीम पूरा ब्यौरा लेकर जा चुकी है। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सदस्यीय सीट के लिए चुनाव संभवतः नवंबर में होंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार ने गाय को राज्यमाता का दर्जा देकर गोवंशों की रक्षा पर बड़ा काम किया है।
50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना
महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में सोमवार (30 सितंबर) देसी गायों के पालन-पोषण के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि गोशालाएं अपनी कम आय के कारण इसे वहन नहीं कर सकती थीं, इसलिए उन्हें मज़बूत करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना महाराष्ट्र गोसेवा आयोग द्वारा ऑनलाइन लागू की जाएगी। प्रत्येक जिले में एक जिला गोशाला सत्यापन समिति होगी। 2019 में 20वीं पशुगणना के अनुसार, देसी गायों की संख्या 46,13,632 तक कम पाई गई है। 19वीं जनगणना की तुलना में यह संख्या 20.69 प्रतिशत कम हुई है।