बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। आरोपी के खिलाफ रायपुर सहित देश के विभिन्न थानों में प्रकरण पंजीबद्ध हैं। कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार किया है। आरोपी के वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का उदाहरण देकर जमानत दिए जाने की मांग की थी।
महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल को हवाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया है। मामले में मई 2024 को ईडी ने अलग से प्रकरण दर्ज किया है। जेल में बंद आरोपी अमित अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन में कहा कि दर्ज FIR में आवेदक का नाम नहीं है। उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। मामले में 145 गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया जाना है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया का उदाहरण देकर जमानत दिए जाने की मांग की गई थी।
संपत्ति खरीदी और नकद लेन-देन
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि पुख्ता प्रमाण होने पर आरोपी के विरुद्ध दुर्ग, रायपुर सहित देश के विभिन्न थानों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं। आरोपी ने सट्टेबाजी ऐप का उपयोग किया और अपनी पत्नी के नाम पर विभिन्न जगहों पर बड़ी मात्रा में संपत्ति की खरीदी की है। अलग-अलग तारीखों में 1.20 करोड़ रुपये का लेन-देन किया, जो उसके और उसकी पत्नी के खाते से ट्रांसफर किए गए।
दुबई से भाई ने भेजा था रुपया
आरोपी के परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में नकद जमा और प्राप्त करने की एंट्री दर्ज की गईं हैं। 70 लाख रुपये की व्यवस्था दुबई में रहने वाले आरोपी के भाई अनिल अग्रवाल ने की। जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर और गवाहों के बयान आवेदक के विरुद्ध हैं। अपराधिक मामला गंभीर है, इसलिए जमानत देना उचित नहीं है।