रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के ठिकानों पर मारे गए छापे के बाद अब जाकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने सोशल मीडिया एक्स पर किए अपने पोस्ट में बताया कि लखमा द्वारा किए गए नकदी लेन-देन के सबूत हासिल हुए हैं। तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस जब्त की गई है। ईडी की छापों के बाद प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी छिड़ी हुई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 28 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में पीओसी (Proof Of Cash) के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है।
ईडी ने यह भी कहा है कि तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं। बता दें कि कवासी लखमा, उनके बेटे हरिश लखमा, उनके मित्र सुशील ओझा और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर ईडी ने छापा मारा था। छापों के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई थी। छापों के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई थी। लखमा ने खुद को मैं अनपढ़ बताया था। उन्होंने कहा था कि अधिकारियों ने गड़बड़ी की होगी। मुझे इस घोटाले की कोई जानकारी नहीं थी। मुझे अंधेरे में रखा गया।
3 जनवरी को ईडी दफ्तर जाएंगे कवासी
पूर्व मंत्री और कोंटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। लखमा शुक्रवार 3 जनवरी को ईडी कार्यालय में पेश होंगे। इस पर लखमा ने कहा, मैं कानून का सम्मान करता हूं। ईडी के सभी सवालों के जवाब दूंगा और मांगे गए दस्तावेज भी सौंप दूंगा। पूर्व मंत्री ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया, क्योंकि उन्होंने विधानसभा में सरकार का फर्जीवाड़ा उजागर किया था।