कांकेर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के डोंगरकट्टा गांव में भालू के हमले से दो लोगों की जान चली गई है। वहीं दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। भालू की दहशत से पूरा गांव थर्राया हुआ है। भालू प्रभावित इलाकों में जहां एक ओर ग्रामीण दहशतजदा हैं तो दूसरी ओर भालू की तलाश में पूरा वन विभाग का अमला जंगलों की खाक छान रहा है। भालू के हिंसक होने की वजह से रात में मुनादी भी कराई गई। वहीं वन कर्मियों की रात्रि गश्त ड्यूटी भी लगाई गई है।
गांव में भालू के आने की खबर से लोगों में दहशत है। जिस गांव में भालू ने ग्रामीण पर हमला किया, उस गांव के साथ अन्य गांवों के लोग अब और ज्यादा चौकन्ने हैं। वजह यह कि आदमखोर भालू का लोकेशन अब तक नहीं मिल पाया है। भालू को पकड़ने वन विभाग के साथ रायपुर सफारी रायपुर की टीम भी मौजूद है। कांकेर की रेस्क्यू टीम ने भालू को पकड़ने पिंजरा लगाया। भालू का लोकेशन पता करने जेसीबी मशीनों के सहारे पूरे जंगल की खाक छान लिए, लेकिन भालू का पता नहीं चल पाया। वन विभाग की टीम माइक से भालू से सतर्क रहने की हिदायत भी दे रहे हैं।
शनिवार को कोरार वन रेंज के डोंगरकट्टा गांव के जंगल में भालू ने दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया था। दोनों पिता और पुत्र हैं। सुकलाल दर्रो जंगल में लकड़ी लाने गया था तभी भालू ने हमला कर दिया। डिप्टी रेंजर सहित वन विभाग की टीम मृतक का शव लेने पहुंची, तभी भालू ने दोबारा हमला कर दिया। दूसरी बार हमले में डिप्टी रेंजर नारायण यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं सुकलाल दर्रो के पिता शंकर दर्रो की मौत हो गई। स्थिति को देखते हुए उन्हें रायपुर रेफर किया गया है। एक अन्य ग्रामीण भी घायल है। इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी एक्सपर्ट की टीम के साथ भालू को पकड़ने उसकी तलाश कर रहे हैं। कई जगह पर पिंजरा भी लगाया गया है।