रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी की हवा ने एक बार फिर सियासत को गरमा दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- ‘पूर्ण कर्जमाफी के धोखे से 2018 में सरकार बनाई और 5 साल तक लाखों किसानों का कर्ज बरकरार रखा। अब आप सोचिये कि इस किसान विरोधी सरकार ने फिर ऐसा क्या किया कि किसान फिर कर्जदार हो गए? 5 साल के विकास पर तो इन्हें कोई भरोसा रहा नहीं, अब बस घोषणाओं का सहारा बचा है, क्योंकि शायद दाऊ भूपेश बघेल ने सर्वे की रिपोर्ट पढ़ ली है।’
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को सक्ती पहुंचे हुए थे, जहां विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने अपना नामांकन भरा। इस दौरान आमसभा को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने ऐलान किया कि अगर छत्तीसगढ़ में फिर से कांग्रेस की सरकार आती है तो किसानों का ऋण माफी किया जाएगा। इस घोषणा को उन्होंने अपने सोशल मीडिया ऑफिशियल एकाउंट X पर भी इसे शेयर किया है। इस वित्तीय वर्ष में कर्जमाफी की आस में छत्तीसगढ़ के किसानों ने लगभग 6000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। सीएम के बयान के बाद सियासी हमले तेज हो गए हैं।
किस तरह के कर्ज माफ होंगे पहले ये बताएः चंद्राकर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बनने पर किसानों की कर्ज माफी वाले बयान पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि भूपेश किसानों को ठगना बंद करें। पहले वो बताए कि किसानों के किस तरह के कर्ज माफ किए जाएंगे। सोसायटी से मिलने वाले अल्पकालीन कर्ज, मध्यम कर्ज या राष्ट्रीयकृत बैंकों से मिलने वाला कर्ज। भूपेश बघेल जी को यह स्पष्ट करना चाहिए। पिछली बार कर्ज माफी लिखा और सोसाइटी के अल्पकालीन कर्ज माफी कर दिए। बाकी बैंकों का कर्ज माफ नहीं हुआ। वो कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। भूपेश बघेल का असली चेहरा बेनकाब हो चुका है। जनता का भरोसा खो चुके हैं।
36 वादों को 5 साल में पूरा नहीं कियाः बीजेपी
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कर्ज माफी का मुद्दा एक बड़ा फैक्टर कांग्रेस की जीत में साबित हुआ था और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभी से यह घोषणा कर यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस एक बार फिर किसानों के हितों को केंद्र मानकर घोषणा पत्र तैयार करने वाली है। हालांकि कांग्रेस के 2018 के जनघोषणा पत्र के 36 वादो को पूरा नहीं करने का आरोप भाजपा लगाती रही है। शराबबंदी, रोजगार सहित कई मुद्दों को लेकर भाजपा नेता विधानसभा से सड़क तक भूपेश सरकार को घेरती रही है। चुनावी वादा पूरा नहीं होने को लेकर दुर्ग कोर्ट में एक परिवाद भी दायर है।
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