रायपुर. न्यूजअप इंडिया
राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी उप मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के विधायक विजय शर्मा और लोरमी के विधायक अरुण साव ने हाल में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। इन दोनों के शपथ को लेकर कवर्धा के पूर्व विधायक और कैबिनेट मंत्री रह चुके मो. अकबर ने सवाल उठाए हैं। मोहम्मद अकबर ने कहा, संवैधानिक प्रावधान यह है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा किया जाएगा।
पूर्व मंत्री मो. अकबर ने कहा, किसी राज्य के मंत्री परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी। संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है, इसलिए डिप्टी सीएम के पद और गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है। ऐसा शपथ कानून की दृष्टि में शून्य है। मोहम्मद अकबर ने कहा, संविधान की तृतीय अनुसूची में पद व गोपनीयता की शपथ का स्पष्ट प्रारूप है। उन्होंने इसकी प्रतियां भी दिखाई हैं। चूंकि अरुण साव तथा विजय शर्मा ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है, इसलिए उप मुख्यमंत्री के रूप में इनके द्वारा किये गए कार्य औचित्यहीन है। ऐसी शपथ विधि (कानून) की दृष्टि में शून्य है। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि अकबर ने कांग्रेस शासनकाल में टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया था, तब यह बात क्यों नहीं कही। गलत बयानबाजी पर कानूनी कार्यवाही की बात भी कही जा रही है।
कांग्रेस सरकार में भी रहे हैं उप मुख्यमंत्री
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की पिछली सरकार में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया गया था। कांग्रेस शासित तत्कालीन राजस्थान में भी सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। पूर्व मंत्री मो. अकबर ने डिप्टी सीएम पद को लेकर ऐसे समय पर बयान दिया है, जब हाल ही में भाजपा द्वारा जीते गए राज्यों में दो-दो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। जबकि, कांग्रेस की सरकारों में भी डिप्टी सीएम रहे हैं।
राजस्थान के डिप्टी सीएम के खिलाफ PIL
राजस्थान में भाजपा ने जीत के बाद भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री, दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है, लेकिन दोनों डिप्टी सीएम की शपथ के साथ नया विवाद खड़ा हो गया है। जयपुर के वकील ओमप्रकाश सोलंकी ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। वकील ओम प्रकाश सोलंकी ने बताया, मैंने राजस्थान के दोनों डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। संविधान में उप मुख्यमंत्री जैसा कोई पद नहीं है। यह एक राजनीतिक पोस्ट है और यह असंवैधानिक है।