रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के एक कर्मचारी ने सरकारी रुपये का ऑनलाइन सट्टा खेल दिया। सट्टा वह भी एक-दो या पांच हजार का नहीं बल्कि पूरे सवा करोड़ रुपये का…। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सरकारी कर्मचारी ने अपने अफसरों को सट्टा में रुपये हारने की जानकारी चिट्ठी लिखकर दी। पहले तो अफसरों को यकीन ही नहीं हुआ कि बाबू ऐसा कर सकता है, लेकिन जब खातों की जांच की गई तब उनके होश उड़ गए। अब अफसरों ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
सट्टा में सरकारी रुपये हारने का यह कारनामा मत्स्य विभाग में हुआ है। बस्तर संभाग के आदिवासी जिला कोंडागांव और नारायणपुर में शासन ने मछली पालन को बढ़ावा देने और आदिवासियों को विकास योजनाओं से जोड़ने के लिए रुपये भेजा था। यहां पदस्थ सहायक ग्रेड-2 के बाबू संजय गढ़पाले ने सरकारी रकम 1.26 करोड़ रुपये का गबन कर डाला। संजय ने खुद विभाग के बड़े अफसरों को चिट्ठी लिखकर इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि साहब मैं सरकारी रकम सट्टे में हार गया। अधिकारियों के हाथों में चिट्ठी आते ही विभाग में हड़कंप मच गया।
सालभर से रुपये खाते में निकाल रहा था
मस्त्य विभाग के अफसरों ने सरकारी खातों की जांच करवाई तब पता चला खाते में वाकई में रकम नहीं है। पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसके बाद यह मामला खुला। जांच में यह बात भी सामने आई है कि कर्मचारी एक साल से अलग-अलग मदों की राशि अपने खाते में डाल रहा था और उसी पैसे को निकालकर सट्टा खेलता रहा। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि बाबू लगातार पैसे निकालता रहा और किसी अफसर को इसकी भनक तक नहीं लगी।
विभागीय शिकायत की जांच की जा रही
कोंडागांव कोतवाली के थाना प्रभारी प्रहलाद यादव ने बताया कि मत्स्य विभाग की शिकायत मिली है। विभाग ने जो पत्र लिखा हैं। मत्स्य विभाग के नारायणपुर से 81 लाख रुपये और कोंडागांव से 45 लाख रुपये के गबन की बात अफसर बता रहे हैं। कर्मचारी सालभर से सरकारी रुपये को अपने खाते में जमा कर खर्च कर रहा था, लेकिन किसी भी अफसर को इसकी जानकारी नहीं हुई। बाबू को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है। विभागीय आवेदन पर जांच कर रहे हैं।