रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में ‘मोदी की गारंटी’ लागू कराने राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी राज्यव्यापी कलम बंद, काम बंद, ताला बंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर सरकारी कार्यालय में शुक्रवार को कामकाज बंद रहा। इसके साथ ही बूढ़ा तालाब स्थल इंडोर स्टेडियम परिसर में हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्यालय बंद करने की चेतावनी दी है। अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने दावा किया कि इस हड़ताल को 112 संगठनों का समर्थन मिला है, जिसकी वजह से सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने प्रदेश सरकार से ‘मोदी की गारंटी’ लागू करने की मांग करते हुए कहा कि फेडरेशन लंबे समय से शासकीय सेवकों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता, अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने की मांग करता रहा है। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन जारी है। शुक्रवार को एक दिवसीय छुट्टी लेकर हड़ताल कर रहे हैं। आज के बाद अगर मांग नहीं मानी जाती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। पूरे प्रदेशभर में कार्यालयों का बहिष्कार कर दिया जाएगा।
सभी सरकारी दफ्तरों में लटका रहा ताला
फेडरेशन अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के आंदोलन में 6 अगस्त को मुख्य सचिव ज्ञापन सौंपा गया था। 20 अगस्त से 30 अगस्त के बीच दूसरे चरण के लिए विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया था। तीसरे चरण में 11 सितंबर को जिला ब्लॉक में मशाल रैली निकालकर कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया था। 27 सितंबर को कार्यालयों का बहिष्कार कर हड़ताल पर रहे। फेडरेशन के इस कलमबंद-कामबंद हड़ताल को 112 मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त संगठनों का समर्थन मिला है। कार्यालय बंद के आह्वान पर बाद सभी सरकारी दफ्तर बंद रहे।
सरकारी कर्मचारियों की यह है मुख्य मांगें
- केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता दिया जाए।
- जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्तों के एरियर का भुगतान हो।
- चार स्तरीय वेतनमान लागू किया जाए।
- केंद्र सरकार के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए।
- अर्जित अवकाश का नकदीकरण 240 दिनों के स्थान पर 300 दिनों के लिए किया जाए।