बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक शिक्षक की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए द्वितीय समयमान-वेतनमान देने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा, यदि याचिकाकर्ता के द्वारा कही गई बातें सही है तो वर्ष 2019 से एरियर्स सहित द्वितीय वेतनमान-समयमान का विभाग को भुगतान करना होगा। हाईकोर्ट का यह फैसला तय अवधि पूरा करने के बाद भी लाभ नहीं मिलने वालों के लिए नजीर बन सकता है।
दरअसल, उच्च वर्ग शिक्षक देवकुमार गुप्ता ने हाई कोर्ट में अधिवक्ता अभिषेक पांडे और दुर्गा मेहर के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया है कि वह सेंट जेवियर हायर सेकेंडरी स्कूल अंबिकापुर में उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर वर्ष 1999 से पदस्थ था। पदस्थापना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष 2009 में उन्हें प्रथम समयमान-वेतनमान प्रदान किया गया। 20 वर्ष की सेवा अवधि वर्ष 2019 में पूर्ण होने के बाद भी उन्हें द्वितीय समयमान-वेतनमान प्रदान नहीं किया गया।
सामान्य प्रशासन का नियम यह कहता है
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा, सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा समय-समय पर जारी सर्कुलर के तहत कोई भी शासकीय कर्मचारी 10 वर्ष की सेवा के बाद प्रथम समयमान-वेतनमान, 20 वर्ष की सेवा के बाद द्वितीय समयमान वेतनमान और 30 वर्ष की सेवा के बाद तृतीय समयमान-वेतनमान का पात्र है। याचिकाकर्ता को 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरा करने पर प्रथम वेतनमान-समयमान दिया गया, लेकिन 20 वर्ष पूर्ण होने पर द्वितीय समयमान-वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है। इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए शिक्षक को वेतनमान का लाभ देने आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता के पक्ष में दिया था आदेश
इस संबंध में 31 मार्च 2023 को सरगुजा कलेक्टर सरगुजा ने याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित कर उसे द्वितीय समयमान-वेतनमान का लाभ देने का निर्देश दिया था। संभागीय संयुक्त संचालक सरगुजा एवं जिला शिक्षा अधिकारी अंबिकापुर जिला सरगुजा को निर्देशित किया गया था कि 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ता को द्वितीय वेतनमान-समयमान दिए जाने संबंधी प्रकरण का निराकरण करें, लेकिन कलेक्टर के आदेश के बाद भी शिक्षक को वेतनमान का लाभ नहीं मिला, जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा।