भुनेश्वर-रांची. न्यूजअप इडिया
आयकर विभाग (IT) ने बुधवार को शराब कारोबार से जुड़ी एक कंपनी और इससे जुड़े तीन अन्य औद्योगिक समूहों के परिसरों पर छापेमारी की। ये कंपनियां कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से संबंधित है। आईटी अफसरों ने सुबह 7 बजे ओडिशा में 2 और झारखंड में 2 जगहों पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई है। एजेंसी के मुताबिक अब तक 50 करोड़ रुपये के नोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। नोटों को बैंक तक लाने के लिए 157 बैग खरीदे गए, जो कम पड़ गए, फिर बोरे लाए गए। इसमें नोटों को भरा गया और ट्रक में रखकर बैंक पहुंचाया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक आयकर (आई-टी) विभाग ने ओडिशा और झारखंड में बौध डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर छापा मारा है। कल तक कंपनी से संबंधित कार्यालयों से करेंसी नोटों का बड़ा जखीरा जब्त किया है। आईटी अधिकारियों के मुताबिक, ओडिशा के बालांगीर व संबलपुर और झारखंड के रांची, लोहरदगा में तलाशी अभियान चल रही है। अब तक 50 करोड़ रुपये तक के नोटों की गिनती पूरी हो चुकी है और नोटों की संख्या अधिक है।
इस कंपनी के साथ 4 अन्य कंपनियां भी
एजेंसी के मुताबिक नोट गिनने का काम रोक दिया गया है, क्योंकि नोट गिनने वाली मशीनें भी बंद हो गई हैं। कंपनी पर उत्पादन और व्यापार संबंधी लेनदेन के माध्यम से कर चोरी का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। बीडीपीएल कंपनी का मुख्यालय ओडिशा में है। इस कंपनी के साथ 4 अन्य कंपनियां भी हैं। इनमें बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बेवरेजेज लिमिटेड शामिल हैं। आयकर विभाग ने बीडीपीएल ग्रुप से जुड़ी सभी कंपनियों पर एकसाथ छापेमारी की है और अभी जांच जारी है।
कौन हैं धीरज साहू यह भी जानिए
धीरज साहू की बात करें तो वह कांग्रेस के नेता है। वह झारखंड से राज्यसभा के सांसद हैं। धीरज साहू बिजनेसमैन हैं। वह उद्योगपति परिवार से आते हैं। धीरज साहू के भाई शिव प्रसाद साहू भी सांसद रह चुके हैं। आजादी के बाद से ही धीरज का परिवार कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा है। धीरज साहू ने 1977 में राजनीति में कदम रखा। 1978 में जेल भरो आंदोलन के दौरान वह जेल भी गए। जून 2009 में वह पहली बार राज्य सभा के लिए चुने गए।