चंडीगढ़. एजेंसी। हरियाणा में बुधवार से नई शराब नीति लागू हो गई है, जिसके बाद अब प्रदेश में शराब और बीयर महंगी हो गई है। देसी शराब की बोतल पर 5 रुपये और बीयर के लिए 20 रुपये अधिक देने होंगे। अंग्रेजी और विदेशी शराब भी मंहगी हो गई है। इन दोनों के लिए भी पहले के मुकाबले 5 प्रतिशत तक अतिरिक्त राशि चुकानी होगी। प्रदेश सरकार ने आयातित शराब को भी इसके दायरे में लेकर आ गया है। टैक्स देने से इसमें में भी वृद्धि होगी।
होल सेल से जिस रेट पर ठेकेदार को विदेशी शराब मिलेगी, उस पर 20 प्रतिशत लाभ मानकर उस शराब की बिक्री होगी। पहले होटलों में लाइसेंसी बार चलाने वाले संचालकों को अपने आसपास के 2 शराब ठेकों से शराब लेने का नियम था। इस बार सरकार ने पॉलिसी में बदलाव करते हुए होटल संचालकों को एक और विकल्प दिया है। वह अब 3 ठेकों में से किसी से भी शराब खरीद सकेंगे। शर्त यह रहेगी कि तीनों ही शराब ठेके अलग-अलग लाइसेंस धारकों के होने चाहिए।
L-1 और L-13 लाइसेंस में बदलाव नहीं
नई आबकारी नीति में पिछले साल के रिजर्व प्राइस के मुकाबले 7 प्रतिशत तक बढ़ोतरी गई है, जबकि शराब के दाम में कम बढ़ोतरी गई है। पहले प्रति पेटी 50 से 60 रुपये बढ़ाए जाते थे। इस बार 20 से 25 रुपये प्रति पेटी की बढ़ोतरी की गई है। एल-1 (अंग्रेजी होल सेल) और एल-13 (देशी शराब होल सेल) लाइसेंस की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गांवों में शराब के ठेके फिरनी से 50 मीटर दूर खोले जा सकेंगे। 12 बजे के बाद ठेका खोलने के लिए 20 लाख रुपये सालाना फीस देनी होगी।
हर साल बढ़ रहा शराब बिक्री का आंकड़ा
आबकारी विभाग का वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होता था, लेकिन कोविड के बाद से इसके नियमों में बदलाव आया है। अब यह 12 जून से 11 जून तक चलता है। प्रदेश में 12 जून से नई आबकारी नीति लागू की गई है। साल 2022-23 के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सरकार ने ठेकों से राजस्व की कमाई का टार्गेट 471 करोड़ रुपये रखा था। तब आय उससे कहीं अधिक 558 करोड़ की हुई थी। साल 2023-24 में 760 करोड़ रुपये के टारगेट से ज्यादा 922 करोड़ की बिक्री हो चुकी है। साल 2024-25 का टार्गेट सरकार ने 813 करोड़ रुपये तय किया है।