भोपाल. न्यूजअप इंडिया
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर किरकिरी का सामना करना पड़ा है। मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। नामांकन की समय सीमा समाप्त हो जाने की वजह से अब इस सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवारी लगभग खत्म हो गई है। अक्षय कांग्रेस को झटका देने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। चुनाव से पहले हुए इस उलटफेर को कांग्रेस के नेता बड़ा राजनीतिक षड़यंत्र बता रहे हैं।
अक्षय कांति बम मौजूदा भाजपा विधायक रमेश मंडोला के साथ डीसी दफ्तर पहुंचे और अपना नामांकन वापस ले लिया। बम का यह फैसला कांग्रेस के लिए बेहद चौंकाने वाला है। अब इंदौर में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं है। इससे पहले हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में अक्षय ने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था। लेकिन, कांग्रेस ने तब उन्हें टिकट नहीं दिया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था। अक्षय कांति बम के संदर्भ में कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुरजीत चड्डा ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है। रात तक उनके साथ प्रचार किया। सुबह भी प्रचार किए और अचानक क्या हुआ समझ नहीं आया। शाम को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। अब किसे समर्थन देंगे यह तय करेंगे। इधर जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने कहा कि इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने किया ट्वीट
मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय के साथ एक सेल्फी सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए उनका भाजपा में स्वागत किया है। विजयवर्गीय ने लिखा, ‘इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।’ इस सेल्फी में विजयवर्गीय और अक्षय बम एक वाहन में एक साथ सवार दिख रहे हैं।
सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा रद्द
अक्षय कांति से पहले सूरत में भी कांग्रेस के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था। वहां बाद में अन्य 8 प्रत्याशियों की ओर से अपना नाम वापस ले लिए जाने के बाद भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए। कुछ ऐसी ही नजारा छत्तीसगढ़ में कुछ साल पहले हुए एक उप-चुनाव के दौरान दिखने को मिला था, जहां मंतुराम पवार ने नाम वापस ले लिया था। बता दें कि 24 अप्रैल को ही मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अक्षय कांति बम के नामांकन के दिन रैली की थी।