रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उठा सियासी बवंडर शांत होते नहीं दिख रहा है। पार्टी के नेता वरिष्ठ नेताओं पर लगातार सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे हैं। इधर पार्टी लाइन से हटकर बयान जारी करने वाले नेताओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी से नोटिस भी थमाया जा रहा है। विवादित बयान जारी करने वाले पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को कांग्रेस ने नोटिस जारी किया है। उन्हें तीन दिनों की मोहलत देते हुए यह पूछा गया कि कांग्रेस सरकार के मुखिया पर ऐसा आरोप आपने क्यों लगाया है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। जयसिंह अग्रवाल ने कहा था कि इस चुनाव में एकजुटता नहीं थी। इस बार का चुनाव सेंट्रलाइज था। पिछले चुनाव में जो जनादेश मिला, उसका हम सम्मान नहीं कर पाए। सरकार ने जनादेश के विपरीत काम किया। मंत्रियों को पावर नहीं मिल पाई। एक ताकत सेंट्रलाइज होकर कुछ लोगों के साथ सरकार चलाती रही। मंत्रियों का के प्रभाव को बाधित किया गया। जयसिंह अग्रवाल ने संगठन के सर्वे पर भी सवाल उठाया।
बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल को भी नोटिस
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के नेता लगातार ही कांग्रेस पर ही सवाल उठा रहे हैं। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से पहले पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा व पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव पर हार का ठीकरा फोड़ा था। वहीं, पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने प्रदेश सचिव चंदन यादव पर 7 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था। इसके बाद पार्टी ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। बृहस्पत सिंह ने अपने जवाब में टीएस सिंहदेव और सैलजा पर फिर गंभीर आरोप लगाए हैं।