भोपाल. न्यूजअप इंडिया
मध्य प्रदेश के सीहोर में मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से पूछा कि क्या मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। इस पर वहां मौजूद जनता ने ‘मामा’-‘मामा’ जिंदाबाद के नारे लगाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके पहले उन्होंने जनता से कहा था कि ऐसा भैय्या नहीं मिलेगा… जब चला जाऊंगा तो याद बहुत आऊंगा। शिवराज सिंह यानी ‘मामा’ के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कई सियासी मायने निकाले जा रहे थे। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा था कि ‘मामा’ ने अपनी विदाई तय कर ली है।
दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा के ग्राम सातदेव में पातालेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने 19 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस दौरान पत्रकारों ने शिवराज सिंह चौहान से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जब आप चुनाव लड़ते हैं तो जनता की राय बहुत जरूरी होती है और अब जब जनता ने कह दिया है तो जरूर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले लाडक़ुई के कार्यक्रम में शिवराज ने लाडली बहनों को संबोधित करते हुए कहा था कि बहनों मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है। मेरे नहीं रहने पर मैं बहुत याद आऊंगा। शिवराज के इन बयानों के बाद विपक्ष भी खूब निशाना साधा था।
‘बयान के कई मायनें भी निकाले जा रहे’
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली नेतृत्व के हाथों में चली आ रही मध्य प्रदेश विधानसभा की कमान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक फिर भावुक नजर आए। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी गृह विधानसभा बुधनी से जनता से पूछा कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं….। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इसके कई मायनें भी निकाले जा रहे हैं। बुधनी विधानसभा के ग्राम सातदेव में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से पूछा कि वे इस बार का चुनाव लड़ें या न लड़ें? वहीं जनता की तरफ से हां में जवाब आया।
‘मध्य प्रदेश के नेताओं की नहीं चल रही’
बता दें इस बार मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की कमान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथों में ले रखी है। विधानसभा प्रत्याशियों की अब तक दो सूची बीजेपी ने जारी की है। दोनों ही सूची में 39-39 नाम है, जबकि एक नाम सिंगल है। इस सूची को देखकर सहज नजर आ रहा है कि विधानसभा प्रत्याशियों की सूची में मध्य प्रदेश के नेताओं की पलभर के लिए भी नहीं चल पा रही है। केंद्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों को मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस यह कह रही है कि भाजपा के पास उम्मीदवार नहीं है। भाजपा ने हार स्वीकार कर लिया है। मामा भी पूछते फिर रहे हैं कि चुनाव लड़ू या नहीं लड़ूं।