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Saturday, February 22, 2025

ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ वाले बयान पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भड़के, प्रयागराज कुंभ पर किसको सुना डाला…

बेमेतरा. न्यूजअप इंडिया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रयागराज कुंभ की “मृत्यु कुंभ” संबंधी टिप्पणी को लेकर देशभर में भाजपा नेता आलोचना कर रहे हैं। वहीं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में ममता बेनर्जी की बातों का एक तरह से समर्थक किया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने आरोप लगाया कि महाकुंभ आयोजकों ने भीड़ प्रबंधन के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि 300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम था। अगर यह कुप्रबंधन नहीं है तो और क्या है? लोगों को अपना सामान लेकर 25-30 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। नहाने के लिए आने वाला पानी सीवेज के पानी के साथ मिला हुआ है और वैज्ञानिक इसे नहाने के लिए उपयुक्त नहीं मानते हैं फिर भी आप करोड़ों लोगों को इसमें नहाने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

गंदा पानी में कुंभ स्नान करवाया
उन्होंने कहा, ‘‘आपका काम या तो नालों को कुछ दिनों के लिए बंद करना था या फिर उनकी दिशा बदलनी थी ताकि लोगों को स्नान करते समय शुद्ध पानी मिल सके। आप 6 साल पहले से जानते थे कि महाकुंभ 12 साल बाद आएगा, फिर आपने इस संबंध में कोई प्रयास क्यों नहीं किया?’’ “जब पहले से पता था कि इतने लोग आएंगे और जगह सीमित है, तो इसके लिए योजना बनानी चाहिए थी… आपने कोई योजना नहीं बनाई… झूठा प्रचार किया गया। अफसरों को इतनी सैलरी क्यों मिलती है कि योजना बनाए और उसे पूरा करे, लेकिन कुंभ को लेकर अफसरों कुछ नहीं किया।

भगदड़ में मरे तो छिपाने लगे
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि 144 साल की बात ही झूठ है। भीड़ प्रबंधन और आतिथ्य सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। यहां तक ​​कि जब लोग मर गए तो उन्होंने इसे छिपाने की कोशिश की, जो एक गंभीर अपराध था। ऐसी स्थिति में अगर कोई इसे नाम से पुकारेगा तो हम इसका विरोध नहीं कर पाएंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ में अव्यवस्था को लेकर इशारों-इशारों में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

सीएम ममता बेनर्जी ने यह कहा था
मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने बंगाल विधानसभा में प्रयागराज में हुई मौत को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने महाकुंभ को “मृत्यु कुंभ कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं, लेकिन कोई योजना नहीं है। कितने लोगों को बचाया गया है? सुश्री बनर्जी ने 29 जनवरी को हुई भगदड़ की ओर इशारा करते हुए कहा था पुण्य स्नान से पहले 30 लोगों की मौत हो गई। भीड़ को संभालने कोई योजना नहीं दिखती।

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