रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। प्रत्याशियों की घोषणा से पहले टिकट को लेकर मच रहे सियासी बवाल पर शीर्ष नेतृत्व चिंतित है। इस मामले को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने बैठक बुलाई है। बैठक में शामिल होने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और कुछ नेता दिल्ली गए हैं। अरुण साव के अचानक दिल्ली जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हो रही है। इधर प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी नहीं होने से दावेदारों की चिंता भी बढ़ गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति के राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ छत्तीसगढ़ चुनाव संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे ओम माथुर, मनसुख मंडाविया भी बैठक में शामिल होंगे। ऐसी चर्चा है कि पिछले दिनों मीडिया में आए 50 से 70 प्रत्याशियों के नाम और उसके बाद मच रहे सियासी घमासान की वजह से संगठन नाराज है। इस मामले पर चर्चा करने प्रदेश अध्यक्ष साव को दिल्ली बुलाया गया। दूसरी सूची जारी होने से पहले एक बार फिर मंथन की बात कही जा रही है। बता दें कि सोशल मीडिया में नामों की सूची वायरल होने के बाद भाजपा नेताओं ने कहा था कि यह अधिकृत सूची नहीं है।
समाज और जमीनी कार्यकर्ता में नाराजगी
बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के संभावित नाम वायरल होने के बाद कई तरह की नाराजगी देखने को मिली है। राजिम में रोहित साहू को टिकट मिलने के बाद भाजपाई विरोध कर रहे। गुजराती और सिंधी समाज के लोगों ने ओम माथुर को चिट्ठी लिखकर समाज के लोगों को टिकट देने की मांग की है। धरसींवा से अनुज शर्मा और साजा से ईश्वर साहू जैसे नाम सामने आने के बाद स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। आरंग से खुशवंत को टिकट मिलने की चर्चा के बाद कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। सैकड़ों लोग भाजपा कार्यालय रायपुर भी पहुंच गए हैं। गुण्डरदेही में संभावित नाम वाले प्रत्याशी का पुतला जलाया गया है।