रायपुर। भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व इन दिनों साल के अंत में विधानसभा चुनाव वाले राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम की तैयारी कर रहा है। मिजोरम में उसके पास ज्यादा कुछ करने को नहीं है। वहां पर उसकी एनडीए में सहयोगी एमएनएफ ही आगे रहेगी। तेलंगाना में वह अपनी जड़ें मजबूत कर सत्ता पाने के लिए विरोधियों को चुनौती देगी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वह 5 साल बाद सत्ता में वापसी और मध्य प्रदेश में सरकार बरकरार रखने की कोशिश में जुटी है। राजनीतिक दृष्टि से भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सबसे अहम है।
साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भाजपा जनता के बीच पहुंचने यात्राएं निकालने पर विचार कर रही है, जिसमें राज्यों के प्रमुख नेताओं की हिस्सेदारी रहे। पार्टी जहां सामूहिक नेतृत्व के साथ एकजुटता का संदेश दे रही है, वहीं कार्यकर्ताओं को पूरी तरह सक्रिय कर जनता तक अपनी पहुंच भी बनाएगी। अपनी सत्ता व विपक्ष वाले राज्यों में इन यात्राओं का स्वरूप अलग-अलग होगा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी सभा कर चुके हैं। दूसरी बड़ी सभा सरगुजा संभाग में करने की तैयारी है और इसके बाद बस्तर में एक बड़ी सभा होगी। गृहमंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय मंत्रियों का लगातार दौरा हो रहा है। वहीं स्थानीय नेता बूथ स्तर को मजबूत करने में लगे हैं।
सांसदों-विधायकों के साथ शाह ने की थी मंत्रणा
भाजपा ने चुनावी राज्यों के लिए अपने चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति भी कर दी है। उनके नेतृत्व में चुनावी रणनीति पर अमल भी शुरू कर दिया है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल में दिल्ली आकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा भी की है। दूसरी तरफ गृह मंत्री अमित शाह भोपाल जाकर पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में अमित शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सांसदों-विधायकों के साथ एकात्म परिसर में घंटों मंत्रणा की थी।
छत्तीसगढ़ के BJP सांसदों को PM ने बुलाया
सूत्रों के अनुसार पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में यात्राएं निकालने पर विचार कर रही है। राजस्थान में इनका नाम परिवर्तन यात्रा हो सकता है वहीं मध्य प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा…। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार को घेरने की बड़ी रणनीति भी बनाई जा रही है। पीएम ने छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा सांसदों को मंत्रणा करने दिल्ली भी बुलाया है।
कांग्रेसी राज्यों में सत्ता वापसी पर ज्यादा जोर
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा इस बार अलग स्वरूप में यात्राएं और अन्य चुनावी कार्यक्रम करेंगे। इनकी रचना इस प्रकार से होगी, ताकि यह संदेश जाए कि सभी बड़े नेता एकजुट हैं। सामूहिक नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ रही है। इसलिए भावी कार्यक्रमों से सभी नेताओं को जोड़ा जाएगा। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्यों की रणनीति और व्यूह रचना को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। कांग्रेसी राज्यों में सत्ता वापसी पर ज्यादा जोर है।
पीएम मोदी और कमल पर चुनाव लड़ेगी BJP
कांग्रेस शासित राज्यों में भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे और केंद्र के कामकाज को लेकर मैदान में उतरेगी। भाजपा पहले से सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं करेगी। छत्तीसगढ़ में कई गुटों में बंटे नेताओं की शिकायतें लगातार हाईकमान तक पहुंचती रही है, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, कई जिलों के अध्यक्ष जैसे पदों पर बदलाव किए गए। डॉ. रमन सिंह के अलावा राष्ट्रीय नेतृत्व में दो और भाजपा नेत्रियों को जगह दी गई है।