रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज हो गई है। सत्तारुढ़ कांग्रेस, मुख्य विपक्षी भाजपा के साथ आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित क्षेत्रीय दल चुनाव में दमखम दिखाने को आतुर हैं। राजनीतिक पार्टियों का टार्गेट अभी बिलासपुर संभाग है। पहले प्रधानमंत्री, फिर राहुल गांधी के बाद अब फिर प्रधानमंत्री मोदी की बिलासपुर में सभा हई है। भाजपा की परिवर्तन यात्रा के बहाने मोदी ने वोटरों को साधा। पखवाड़े भर में पीएम का यह दूसरा दौरा है। इस संभाग में 24 विधानसभा सीटें हैं, इसलिए राजनीतिक दलों का फोकस यहां सबसे ज्यादा है।
बिलासपुर संभाग में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद राहुल गांधी, आप पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ताल ठोक चुके हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवर्तन यात्रा के समापन पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। उन्होंने ओबीसी, एसटी-एसी वर्ग के साथ किसानों को साधा। बिलासपुर संभाग की राजनीति भी बेहद दिलचस्प है। क्षेत्रीय दल, कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ती रही है। इस क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के साथ-साथ कुछ हिस्सों में बहुजन समाज पार्टी तो कुछ हिस्सों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का असर देखने को मिलता है। बिलासपुर संभाग में 8 जिले हैं और 24 विधानसभा सीटें हैं।
JCCJ-बसपा भी देंगे BJP-कांग्रेस को टक्कर
2018 के चुनाव में कांग्रेस को 13 और भाजपा को 7 सीटें मिलीं थीं। बसपा और जोगी कांग्रेस के खाते में 4 सीटें आई थीं। यह पहला संभाग है, जहां कांग्रेस को 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। कोटा, मरवाही और लोरमी की सीटों में जोगी कांग्रेस का प्रभाव देखने को मिलता है। मस्तूरी, बेलतरा और बिल्हा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी जीत और हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। जांजगीर-चांपा जिले की विधानसभा सीटों पर बसपा का अच्छा खास प्रभाव नजर आता है। वहीं पामगढ़ और जैजैपुर में बसपा प्रभावी भूमिका में नजर आती है। इन सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) से भाजपा और कांग्रेस को टक्कर भी मिलने की बातें राजनीतिक प्रेक्षक मान रहे हैं।
कांग्रेस-बीजेपी की केजरीवाल बढ़ा रहे टेंशन
बिलासपुर संभाग की राजनीतिक समीकरण में भले ही कांग्रेस 2018 के चुनाव में सबसे आगे दिख रही है, लेकिन 2023 के चुनाव में बिलासपुर संभाग में सभी राजनीतिक पार्टी दांव लगा रही है। आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के मूड में है। पिछले महीने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चुनावी सभा किया था। आप पार्टी यहां लगातार सक्रिय है। जेपी नड्डा भी बिलासपुर संभाग में सभा कर चुके हैं। राहुल गांधी की अभी हाल ही में सभा हुई है। अब परिवर्तन यात्रा के समापन पर पीएम मोदी बिलासपुर आए। इसके बाद रायगढ़ क्षेत्र में फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सभा होने की चर्चा है।
बिलासपुर संभाग में SC वोट बैंक का दबदबा
जातिगत समीकरण की बात करें तो जांजगीर चांपा, सारंगढ़, रायगढ़, सक्ती, मुंगेली जिलों में एससी वोटरों की संख्या को गेम चेंजर माना जाता है। छत्तीसगढ़ के 10 एससी कोटे के विधानसभा में से 4 सीट केवल बिलासपुर संभाग में आते है। इसी इलाके में मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी हर बार चुनाव में एक या दो विधानसभा सीटें जीतती आ रही है, इसलिए कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जो खुद एससी वर्ग से आते है। उन्हें चुनावी मैदान में उतारा। जांजगीर चांपा में उनकी सभाएं हुई। बिलासपुर संभाग से लगे बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में दो दिन पहले बड़ी सभा कराई गई। एससी वोट बैंक को साधने की जुगत में कांग्रेस की सभा भी हुई है।
विधानसभा सीटों से समझिए सियासी गणित
छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास अभी 71 विधायक हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास सिर्फ 14 विधायक हैं। 5 सीटें जेसीसीजे और बसपा के पास है। सरगुजा क्षेत्र में टीएस सिंहदेव ‘बाबा’ दिग्गज नेता हैं। टीएस सिंहदेव अभी छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम हैं। ‘बाबा’ पर सरगुजा संभाग के 14 सीटों की जिम्मेदारी है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ‘कका’ पर खुद के गृह जिले दुर्ग के साथ बस्तर और बिलासपुर संभाग की जिम्मेदारी रहेगी। BJP का सबसे ज्यादा फोकस छत्तीसगढ़ के जीरो लैंड सीटों यानी बस्तर के 12 और सरगुजा संभाग की 14 सीटें पर है। बिलासपुर संभाग में 24 विधानसभा सीटें हैं। इममें 13 सीट पर कांग्रेस, 7 पर बीजेपी, 2 पर BSP और 2 पर JCCJ का कब्जा है। टॉप लीडर्स की बिलासपुर संभाग में ज्यादा सभाएं कर BJP पकड़ मजबूत करने की जुगत में हैं।