रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (NMDC) के नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का मुद्दा सियासी गलियारों में उफान मार रहा है। कांग्रेस पार्टी ने नगरनार इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में सौंपे जाने का आरोप लगाकार बस्तर बंद का आह्वान किया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लांट को बस्तर की जनता के नाम कर दिया है। अब उद्घाटन के साथ ही इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। नगरनार इस्पात संयंत्र पर प्रधानमंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट X पर लिखा- ‘बस्तर के लोगों का दबाव काम आया। प्रधानमंत्री को कहना पड़ा कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के आदिवासियों का है। हालांकि उन्होंने यह अभी भी नहीं कहा है कि इसका निजीकरण नहीं होगा। कांग्रेस नगरनार को बेचने के खिलाफ है और रहेगी। अगर वह बस्तर के लोगों का है तो बस्तर के लोगों का ही रहना चाहिए।’ दूसरे ट्वीट में लिखा- ‘नगरनार बचाओ! प्रधानमंत्री जी! आखिर क्या गलती है बस्तर की जनता की? यह कि उन्होंने सभी 12 विधानसभा सीटों और बस्तर लोकसभा में कांग्रेस को क्यों चुना? आप हार जाएंगे तो उनका नगरनार प्लांट निजी हाथों को सौंप देंगे? राज्य सरकार खरीदना चाह रही है, हमें क्यों नहीं दे रहे हैं आप?’
‘झूठ की राजनीति करने वाले तिलमिला रहे’
भूपेश बघेल के ट्वीट पर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने रिट्वीट करते हुए लिखा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनजातीय समूह के परिवारजनों के साथ संबंध इतना प्रगाढ़ है कि झूठ की राजनीति करने वाले तिलमिला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर को यह “गारंटी” दी है कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर का था और बस्तर का ही रहेगा, बाकि यह आज़ाद भारत के प्रधानमंत्री हैं। कोई रिमोट कंट्रोल से चलने वाले नेता नहीं जो आपके हिसाब से अपने शब्दों का चयन करेंगे।’
‘नगरनार प्लांट के निजीकरण का विरोध’
बता दें कि बस्तर का किला दोनों पार्टियों के लिए खास मायने रखता है, लिहाजा कांग्रेस-भाजपा के नेता एक-दूसरे को घेराबंदी करने में लगे हैं। बस्तर में पीएम मोदी की सभा है और उसी दिन कांग्रेस ने नगरनार प्लांट के निजीकरण को लेकर बस्तर बंद बुलाया था। कांग्रेस के इस सियासी रणनीति पर भाजपा सत्ता का दुरुपयोग का आरोप लगा रही है।
‘नगरनार प्लांट को राज्य सरकार मांग रही’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और सीएम भूपेश बघेल ने दो दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि नगरनार प्लांट को बेचना बस्तर की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। विधानसभा में संकल्प पारित किया था कि नगरनार प्लांट को राज्य सरकार संचालित करेगी, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को नीलामी से ही बाहर कर दिया है। यह निजीकरण आदिवासियों के साथ छलावा है। इस प्लांट से आदिवासियों को नौकरी और पुनर्वास की उम्मीद थी।
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