रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार और उसके बाद आरोपों की बछौरों ने पार्टी अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी है। पूर्व विधायकों ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब भी बागी तेवरों को साथ दिया गया है। इस पर पार्टी ने अनुशासन का डंडा चला दिया है। दो पूर्व विधायकों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद दोनों पूर्व विधायकों ने कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह निर्णय लिया है। पूर्व विधायकों की विनय जायसवाल के घर बैठक भी हुई थी। इसे लेकर कांग्रेस में हलचल तेज हो गई थी। वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद बृहस्पत सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ा था। इस मामले को कांग्रेस ने संज्ञान लेकर निष्कासन की कार्रवाई की है।
विधानसभा चुनाव में हार के बाद मच रहा बवाल
बता दें कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को हार के लिए जिम्मेदार बताया था। वहीं टिकट कटने के बाद भी विनय जायसवाल और बृहस्पत सिंह ने बागी तेवर दिखाए थे। पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने प्रदेश सचिव चंदन यादव पर 7 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था। इधर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रदेश के पूर्व मुखिया पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि इस चुनाव में एकजुटता नहीं थी। इस बार का चुनाव सेंट्रलाइज था। पिछले चुनाव में जो जनादेश मिला, उसका हम सम्मान नहीं कर पाए। पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।