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Saturday, July 27, 2024

छत्तीसगढ़ में तिकड़ी ने ऐसी बनाई रणनीति की ढह गया कांग्रेस का मजबूत किला, इनके बारे में आप भी जानिए…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इतनी बड़ी जीत की कल्पना तो संभवतः भाजपा के नेताओं ने भी नहीं की थी। हालांकि भाजपा नेता जीत का दावा जरूर कर रहे थे, लेकिन जीत ऐसी होगी यह किसी ने सोचा नहीं था। इस जीत के पीछे का कारण देखा जाए तो किसानों के लिए धान की कीमत के साथ दो साल का बचा बोनस और सबसे बड़ी बात महिलाओं के लिए 12 हजार सालाना वाली महतारी वंदन योजना ही है। किसानों का बकाया बोनस देने से मना करने वाली केंद्र सरकार को इस बात पर राजी करने की एक बड़ी चुनौती थी। भाजपा नेता केंद्रीय संगठन को यह समझाने में कामयाब रहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनानी है तो किसानों और बोनस के मद्दे को घोषणा पत्र में लाना होगा।

विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस बार जो प्रचंड जीत मिली है, उसके तीन शिल्पकार केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नवीन हैं। इनकी तिकड़ी ने ऐसी रणनीति बनाई, जिसके सामने कांग्रेस के सारे दांव फेल हो गए और भाजपा की सत्ता में वापसी हो गई। छत्तीसगढ़ में चुनाव के दो माह पहले की बात की जाए तो कांग्रेस के मुकाबले में भाजपा कहीं नजर नहीं आ रही थी। भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी कोई उत्साह नहीं था। हर कोई यह मानकर चल रहा था कि कांग्रेस के सामने भाजपा का टिक पाना संभव नहीं है। ऐसे समय में जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में चुनाव की कमान संभालने के बाद यहां पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को ओम माथुर और नितिन नवीन के साथ छत्तीसगढ़ में भाजपा को जीत दिलाने का जिम्मा सौंपा तो इसके बाद सारे समीकरण बदल गए। इस तिकड़ी ने मिलकर ऐसी व्यूह रचना की, जिसमें कांग्रेस के सारे दांव फेल हो गए।

चार्टर प्लेन खड़ा था फिर भी घर नहीं गए
भाजपा की यह तिकड़ी छत्तीसगढ़ में जीत के लिए लगातार रणनीति बनाती रही। तीनों नेता लगातार प्रदेश में दौरा करते रहे और यह जानने का प्रयास करते रहे कि ऐसा क्या किया जाए, जिससे भाजपा को जीत मिल सके। स्थिति यह रही कि मंडाविया ने अपने को इस कदर झोंका दिया कि वे दीपावली में अपने घर भी नहीं गए और यहां पर रहकर दिवाली मनाई, जबकि चार्टर प्लेन भी यहां पर खड़ा था। वे चाहते तो घर जाकर वापस आ सकते थे, लेकिन दीपावली के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के कारण वे यहां से हिले भी नहीं। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को पीएम मोदी का खास भी माना जाता है। वहीं प्रदेश प्रभारी ओम माथुर भी चुनाव के पहले प्रदेशभर में घूमकर जीत की कड़ियों को जोड़ते रहे। बस्तर से लेकर सरगुजा तक उन्होंने दौरा किया और जिला संगठन से लेकर कार्यकर्ता से फीडबैक लिया।

इन योजनाओं ने ही प्रदेश में खिलाया ‘कमल’
भाजपा का जो घोषणापत्र बनाया गया, उसमें किसानों के लिए जहां 31 सौ रुपये में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का वादा किया गया, वहीं दो साल का बचा बोनस देने का भी वादा किया गया है। इसी के साथ प्रदेश की हर विवाहित महिला को हर माह एक हजार रुपये के हिसाब से साल में 12 हजार देने के लिए महतारी वंदन योजना भी लाई गई। इस योजना के लिए मंडाविया के निर्देश पर प्रदेशभर में 50 लाख से ज्यादा फार्म भी भाजपा ने भरवा लिए। जहां तक इन सब योजनाओं का सवाल है तो इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व को सहमत करने का सबसे बड़ा काम भी मंडाविया ने किया। इन योजनाओं ने ही प्रदेश में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया और भाजपा को अंत में प्रचंड जीत मिली है।

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